झुककर चाहत में अपना ही सर कटा लिया

दिल लगाना था कहीं, कहीं और लगा लिया
खुशी की चाहत थी..... दर्द और बढ़ा लिया
दिल ने चाहा जिसे...मेरा कातिल था साहब
झुककर चाहत में अपना ही सर कटा लिया
- कुमार आर्यन

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