मीरा हो गयी रे बावली

एक कृष्ण भजन आपको समर्पित
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मीरा हो गयी रे बावली
देख मोहन का प्रीत
इत-उत फिरती है वो
गाकर मोहन का गीत
मीरा हो गयी रे बावली
देख मोहन का प्रीत..........
वृन्दावन के गली गली में
खोजे अपने मोहन को
बनकर वो पगली देखो
ढूंढे अपने सोहन को
ना जाने कब मिलेगा मुझको
मुरलीधर मनमीत
मीरा हो गयी रे बावली
देख मोहन का प्रीत...........
छोड़ के देखो महल अटारी
वन-वन भटके राजकुमारी
प्रेम में प्रेम दीवानी मीरा
भूल गयी सब रीत
मीरा हो गयी रे बावली
देख मोहन का प्रीत ............
इत-उत फिरती है वो
गाकर मोहन का गीत
मीरा हो गयी रे बावली
देख मोहन का प्रीत
- कुमार आर्यन

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