ये झूठ नही यारा.........सच्ची खबर है
मौत ही इंसान की......आखरी सफर है
चल लौट चलते है फिर अपने गांव को
ये झूठी शान है..........ये झूठा शहर है
-युवा कवि कुमार आर्यन
मौत ही इंसान की......आखरी सफर है
चल लौट चलते है फिर अपने गांव को
ये झूठी शान है..........ये झूठा शहर है
-युवा कवि कुमार आर्यन
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