ये सुंदर सी उपवन किस काम की - कुमार आर्यन

रूठना, मनाना मेरी आदत में है
मेरा दिल मेरे हिफाजत में है
कैसे रहना है ये तुम तय करो
हर सलीका मेरे मोहब्बत में है
आना है तो आओ बड़े शौक से
जाना है तो जाओ बड़े शौक से
ये दिल है मेरा कोई दुकान नही
जो तोड़ो मरोड़ो बड़े शौक से
ये रूप ये योवन किस काम की
ये मौसम ये सावन किस काम की
न हो माली तेरा तो सोचों भला
ये सुंदर सी उपवन किस काम की
शायर कुमार आर्यन

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