गुलाब कहले धतूरा से

गुलाब कहले धतूरा से, के तोहे भोला पे चढ़ाई ?
तोहरा से ज्यादा आज लोग हमरे के आजमाई
तब धतुरा कहले गुलाब से तनी सुनअ मोरा भाई
तोहरे खातिर केतना के आज थोथुन भी चुराई
जेकर स्वीकार भईल गुलाब खूब खुशी दिखलाई
जेकर न स्वीकार होइ उ भोले के शरनिया जाई
मानल$ मोरा कहना छोड़अ मनावल वेलेंटाइन के
मार भगाव आपन मन से पच्छिम के ई डाईन के
- कुमार आर्यन


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