Posts

तेरे दर पे भी कभी मोहब्बत आया होगा

मेरी सब कुछ हो तुम

एक फेसबुक ही जरिया था उनसे दो लफ्ज़ कहने को 'दिल'

अब दिनकर के जैसा कवि चाहिए

इशारा करके मुझको दिल मे आग लगा दी फिर उसने

तेरी यादें हर पल रुलाती है तेरे बिना

ना झूठे वादे करो ना झूठे खाओ कसम

झूठी हमदर्दी दिखाते क्यो हो?

जब ख्वाबों की बात सितारों से हो

तेरी याद आयी और तुझे याद कर लिया

मुझे हिंद की हिंदी करीना अच्छा लगता है

दुनिया वालों सुनो मोहब्बत किया करो

संकट में है आज तेरो राम का हिंदुस्तान

माँ

मौसम के साथ बदलना सिख लिया हूँ मैं

दिल फिर से उसका दीवाना हुआ

लौटा दो वो दिसम्बर की रातें साहब