अब तो उसकी गली में जाना छोड़ दिया (गुरुआ)


अब तो उसकी गली में जाना छोड़ दिया 
मोहब्बत में खुद को तड़पाना छोड़ दिया 
कोई कह दे उसे के मैं अब रोता नही 
उसकी नजरों से धोखा खाना छोड़ दिया
अब मयखाने में मिलते है सुकूँ मुझको
दिल अब जालिम से लगाना छोड़ दिया
मौत से बदतर है यारो यंहा दिल्लगी
झूठी कसमे अब निभाना छोड़ दिया
यूँ तो हर रोज़ अश्क बहते है
अब तो फूलों से चोट खाना छोड़ दिया
अब तो उसको आर्यन भूलना होगा
अब तो इश्क को आज़माना छोड़ दिया
-शायर कुमार आर्यन
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