लापरवाह हूँ मैं, मेरी परवाह मत करना।
जख्म देने से पहले, आगाह मत करना।
जो दर्द दिए है तुमने, उसे बयाँ करता हूँ
इन्हें शायरी समझकर, वाह-वाह मत करना।
- शायर कुमार आर्यन
जख्म देने से पहले, आगाह मत करना।
जो दर्द दिए है तुमने, उसे बयाँ करता हूँ
इन्हें शायरी समझकर, वाह-वाह मत करना।
- शायर कुमार आर्यन
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