सिर्फ इश्क़ से नही चलती इश्क की दुकाँ

बहुत मेहनत से सजाया था अपना जहाँ।
तोड़ दिया किसी ने मुझ गरीब का मकाँ।।
जाते जाते कह गया तुमसे क्या होगा ?
सिर्फ इश्क़ से नही चलती इश्क की दुकाँ।।
शायर कुमार आर्यन

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