'एहसास

एक गीत 'एहसास की गली से'
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रूठे यारों को मैं मनाने चला
याद अपनी उन्हें मैं दिलाने चला
मैं गुनहगार तेरा, मुझे माफ़ कर 
दोस्ती को तेरी आज़माने चला
रूठे यारों.......................
याद अपनी उन्हें.............
गर दोस्त है मेरा तू मुझे माफ़ कर
दिल में है जो वहम, पहले वो साफ कर
तुम तो आज भी मेरे हो ये दिल कहता है
मैं अपनों को अपना बनाने चला
रूठे यारों.......................
याद अपनी उन्हें.............
गम है मुझे भी तुझसे दूर जाने का
जैसे कम हुई खुशबू मेरे खजाने का
तुम हो पूनम की रात मेरे दिल की
दिल की दुनिया तेरे संग सजाने चला
रूठे यारों.......................
याद अपनी उन्हें.............
- कुमार आर्यन

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