रोया है वर्षो से

पलकों को भिंगोया है वर्षों से 
खुद को तुझमे खोया है वर्षो से 
ज़िन्दगी की कीमत तुम क्या जानो 
खुशियों की महफील में रोया है वर्षो से 
- कुमार आर्यन

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