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वो नज़रों से अपना मुझे जाम पिलाया था...
मेरे ज़िन्दगी में खुशियों का शाम लाया था 
मैं कैसे नही मानता उन्हें अपना साहब 
जिसने दर्द में भी मुझको अपना बनाया था...
- कुमार आर्यन

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