बचाकर रखना साहब अपने दिल का मकान

दर्द से यारों ये नाज़ुक दिल बहुत दहलता है
खुशियों के शहर में ये अकेला ही टहलता है 
बचाकर रखना साहब अपने दिल का मकान 
यही एक घर है के बरसात में भी जलता है 
- कुमार आर्यन

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