वो पुरानी सी पीपल की ठंडी छांव में

जा रहा हूँ ऐ शहर अब अपनी गांव में
वो पुरानी सी पीपल की ठंडी छांव में
सुकून कहाँ मिलती है तेरे गलियों में अब
मोहब्बत बिकती है यहाँ रुपयों की भाव में 
- कुमार आर्यन

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