हैरान हूँ बहुत के कातिल से दोस्ताना है Posted by Shayar Kumar Aryan on October 08, 2017 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps मिले ना कांटे तो फूलों से चोट खाना है.....गैरों से क्या गिला, अपनों को आजमाना है....बहुत माहिर है साहब लहज़े से क़त्ल करते है हैरान हूँ बहुत के कातिल से दोस्ताना है - कुमार आर्यन Comments
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