कोई हादसा सा बन गया हूँ

कलम का गुलाम, दर्द का बादशाह सा बन गया हूँ ।
लगता है हर पल नया, कोई हादसा सा बन गया हूँ।
जो भी मिला दर्द से ही नवाज़ा है मुझे
लगता है उजड़ी बस्ती का शहंशाह सा बन गया हूँ
- कुमार आर्यन

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