टूटी कश्ती हूँ कोई किनारा चाहिए

बेसहारा हूँ कोई सहारा चाहिए।
खुशी का कोई इशारा चाहिए।
बह न जाऊं कहीं गम के तूफानों में 
टूटी कश्ती हूँ कोई किनारा चाहिए।
- कुमार आर्यन

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