लगता है जहाँपनाह की आवाज़ बदल गई है

मानता हूं तख्त ओ ताज बदल गई है
दिल्ली के संसद की साज बदल गई है
पर नही बदल सकी गरीबों की हालात साहेब 
लगता है जहाँपनाह की आवाज़ बदल गई है
-कुमार आर्यन

Comments