माँ बताओ न तुमने खुद को कैसे रोका होगा

माँ की एहसास
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माँ तुमने खुद को कैसे रोका होगा
जब तेरे हँसने पर बेटों ने टोका होगा 
बढ़ गयी होगी तेरी ह्रदय गति शायद 

उस वक़्त कोई आया बवंडर या झोका होगा 

माँ बताओ न....तुमने खुद को कैसे रोका होगा....
याद है न माँ जब तू खाना पकाती थी
प्यार भरा हर एक निवाला खिलाती थी
ममता परोसती थी खाने की थाल में
शायद बेटों ने कमी कर दी तेरी देखभाल में
कैसा महसूस किया होगा माँ तुमने
जब तेरे संतानों ने तुझे दिया धोखा होगा 

माँ बताओ न....तुमने खुद को कैसे रोका होगा....
टूट पड़ी होगी पहाड़ शायद तेरे अरमानो पे
सुराख़ हो गयी हो गयी तेरे दिल के दीवारों पे
याद कर के बातें को रूह तक कांपती होगी
फिर भी दुआ बेटों के लिए तू मांगती होगी
दिल दहल गया होगा शायद तेरा भी उस वक्त
जब वक्त ने तेरे साथ किया धोखा होगा 

माँ बताओ न....तुमने खुद को कैसे रोका होगा....
माँ बताओ न....तुमने खुद को कैसे रोका होगा....
- कुमार आर्यन


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