ऐ जिन्दगी तुमसे तो मेरा अतीत अच्छा था,
याद है मुझे अबतक जब मैं छोटा-सा बच्चा था,
खुशियो से सजती थी महफिल मेरी,
वो बचपन का हर इंसान सच्चा था.......
अब तो बात बात पर लोग रिस्ते तोड़ देते है,
ले जाकर मजधार में साथी साथ छोड़ देते है,
पग पग पर मुझे कोसती है जवानी,
तेरे लिए तो वो ममता का छाँव अच्छा था.....
पहले होती थी रोज मस्तियाँ,
अब दुरी है लाखों तेरे मेरे दरमियाँ,
कुछ तो बदल गये हो तुम ऐ जिन्दगी,
तेरे झुठी दुनिया से मेरा बचपन ही सच्चा था........
-कुमार आर्यन
याद है मुझे अबतक जब मैं छोटा-सा बच्चा था,
खुशियो से सजती थी महफिल मेरी,
वो बचपन का हर इंसान सच्चा था.......
अब तो बात बात पर लोग रिस्ते तोड़ देते है,
ले जाकर मजधार में साथी साथ छोड़ देते है,
पग पग पर मुझे कोसती है जवानी,
तेरे लिए तो वो ममता का छाँव अच्छा था.....
पहले होती थी रोज मस्तियाँ,
अब दुरी है लाखों तेरे मेरे दरमियाँ,
कुछ तो बदल गये हो तुम ऐ जिन्दगी,
तेरे झुठी दुनिया से मेरा बचपन ही सच्चा था........
-कुमार आर्यन
Comments