अमन कायम रहने दो देश में, शेरों को उकसाओ ना

बहुत हुआ अब बंद करो, अब और आँख दिखाओ ना
अमन कायम रहने दो देश में, शेरों को उकसाओ ना
जाग गया तो नहीं बचोगे, नस्लें बर्बाद कर दूँगा
अाबाद जो तेरी है पुरी, फसलें बर्बाद कर दूँगा
याद नहीं पैसठ के किस्सा, धुली कैसे चटायी थी
तेरी ना पाक इरादों को मिट्टी में कैसे मिलायी थी
टुकड़ों पर पलने वाले, कुत्ते शोर मचाओ ना
अमन कायम रहने दो देश में, शेरों को उकसाओ ना
भारत माता की जय मत बोलो, तुम पर अच्छा नहीं लगता
पाक की पैदाइश हो और मुसलमाँ भी सच्चा नही लगता
तुझसे क्या बात करना, तुझको तो सबक सिखाना है
चार मिनार की धरती पर अकेला तुझको बस दफनाना है
समझ लो मेरी बातों को, मुझको अब समझाओ ना
अमन कायम रहने दो देश में, शेरों को उकसाओ ना
सैनिकों को कह दो मिलकर, सब जन तेरे साथ है
एक इंच का भी फर्क नही, जुड़ गये सब हाथ है
देश के लिए चिन्तित हो, एक जुट हो हिन्दुस्तानी
फिर किसकी मजाल, किसकी भारी जिन्दगानी
अखण्ड भारत के लिए साथी हाथ बढ़ाओ ना
अमनों अमाँ कायम रहे सदा, मिलकर दीप जलाओ ना
- कुमार आर्यन (गया, बिहार)

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