चंद लाइने पेश है....
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मिलने का आज उनका बहाना है ये
पास दिल के दिलवर का आना है ये
ये जो आंखे नशीली सितम ढाती है
देखकर मुझको उनका आजमाना है ये
मानता हूँ के तुम हसीं ख़ाब हो
दिल के दुनिया का महताब हो
खिल चूका है मिरे सीने में जो
तुम वो खुबसूरत गुलाब हो
- कुमार आर्यन
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