नयना है झील जैसी गहरी तेरी

चेहरा है जैसे चाँद की रुप हो....
ठण्डी मौसम की जैसे प्यारी धुप हो....
नयना है झील जैसी गहरी तेरी....
बोली है जैसे कोइ कोयल की कुक हो...
कुमार आर्यन

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