आपके जैसा रहवर-ए-दिल, फिर कहाँ से लायेंगे

ना जाओ मुझे छोडकर, ना खुद को रोक पायेंगे......
ना पाकर अखियाँ आपको बेचारी आंसू बहायेंगे......
आपको तो मिल जायेगा दूसरा, जन्नत-ए-महफ़िल......
पर हम आपके जैसा रहवर-ए-दिल, फिर कहाँ से लायेंगे.......
- कुमार आर्यन

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