आज बहना मेरी ससुराल चली...
छोड़ बाबुल की प्यारी गली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
भूल न जाना बहना, पापा का प्यार रे...
ममता भरी माँ की दुलार रे...
जिसकी गोद में बड़ी शौक से पली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
कैसी है ये रीत बहना, कैसा इन्सान रे...
क्यों बनाया ऐसा रीत भगवान रे....
इस रीत पे न जाने क्यों चढ़ती है बलि...
आज बहना मेरी ससुराल चली...
एक साथ बचपन गुजरी, आई फिर जवानी रे....
फिर क्यों अलग है, बहना तेरी मेरी कहानी रे...
नयनो में अश्कों ने मचाई है खलबली...
आज बहना मेरी ससुराल चली...
कैसे करूं विदाई प्रभु, कैसे खुद को संभालूं रे.....
छोड के न जाये तुम, कहो किसे मनालूँ रे.....
क्यों जा रही है छोड़ मायके की गली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
रुख्शत हो रही है आज मुझसे मेरी परछाई रे....
सावन बनके अंखिया मेरी देखो उमड़ आई रे...
दे मुझे हिम्मत मेरे खुदा मेरे अली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
- कुमार आर्यन
छोड़ बाबुल की प्यारी गली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
भूल न जाना बहना, पापा का प्यार रे...
ममता भरी माँ की दुलार रे...
जिसकी गोद में बड़ी शौक से पली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
कैसी है ये रीत बहना, कैसा इन्सान रे...
क्यों बनाया ऐसा रीत भगवान रे....
इस रीत पे न जाने क्यों चढ़ती है बलि...
आज बहना मेरी ससुराल चली...
एक साथ बचपन गुजरी, आई फिर जवानी रे....
फिर क्यों अलग है, बहना तेरी मेरी कहानी रे...
नयनो में अश्कों ने मचाई है खलबली...
आज बहना मेरी ससुराल चली...
कैसे करूं विदाई प्रभु, कैसे खुद को संभालूं रे.....
छोड के न जाये तुम, कहो किसे मनालूँ रे.....
क्यों जा रही है छोड़ मायके की गली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
रुख्शत हो रही है आज मुझसे मेरी परछाई रे....
सावन बनके अंखिया मेरी देखो उमड़ आई रे...
दे मुझे हिम्मत मेरे खुदा मेरे अली....
आज बहना मेरी ससुराल चली...
- कुमार आर्यन
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