मैं शायर बदनाम हूँ

वो खुशियों की जाम है......
मैं झूठा अरमान हूँ.....
वो एक हसीन शाम है...
और मैं शायर बदनाम हूँ.......
वो चांदनी हैं अपने चाँद की....
मैं सितारा गुमनाम हूँ......
उनकी चर्चे हैं इश्क के शहरों में....
और मैं अभी बदनाम हूँ....
प्रेषक - कुमार आर्यन

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