अपने दर्द से मशहुर हूँ


ना मै हुँर हूँ ना किसी का गुरुर हूँ........
मुहब्बत की दुनिया में अपने दर्द से मशहुर हूँ........
दूर हूँ मजबुर हूँ किसी की आँखों का नूर हूँ.....
जिसे भूल गई सारी दुनिया वो शिशा चकनाचुर हूँ....
प्रेषक- कुमार आर्यन

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