रुला गया तेरा जाना मुझे
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खून से सना अखबार है.....
देख हाल बेहाल है.....
अभी समझ जाओ दोस्त मेरे...
अपने देश का सवाल है......
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खून से सना अखबार है.....
देख हाल बेहाल है.....
अभी समझ जाओ दोस्त मेरे...
अपने देश का सवाल है......
अमन चैन अब है कहाँ....
मुल्क भरा गद्दारों से.....
धरती माँ की पुकार सुन....
करता क्यूँ बवाल है......
मुल्क भरा गद्दारों से.....
धरती माँ की पुकार सुन....
करता क्यूँ बवाल है......
नेता लुट रहे देश को....
जनता की फ़िक्र किसी को नही....
बेवस व्यवस्था कानून की......
मिलता नही जवाब है.....
जनता की फ़िक्र किसी को नही....
बेवस व्यवस्था कानून की......
मिलता नही जवाब है.....
लाना है क्रांति वही.....
देश सोने की चिड़ियाँ हो....
सता में सियासती भूल गये....
नपुंसक बना सता का जनाब है....
देश सोने की चिड़ियाँ हो....
सता में सियासती भूल गये....
नपुंसक बना सता का जनाब है....
दे इजाज़त वीरो को....
के फिर शहीद न कोई हो....
चुन चुनकर मारों गदारों को.....
बस इतना ही मेरा सवाल है...
- कुमार आर्यन
के फिर शहीद न कोई हो....
चुन चुनकर मारों गदारों को.....
बस इतना ही मेरा सवाल है...
- कुमार आर्यन
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