किसी से उम्मीद न कर

दुनिया झूठी है, अब और हकीकत की दीद न कर,
बहुत हो गई शरीफ़ी, अब और शराफत की जिद्द न कर।
शरीफ देखकर उठाते है लोग उंगलियाँ ऐ दिल.....
खुशी दे सके कोई, अब और किसी से उम्मीद न कर।
- Kumar Aryan

Comments