चन्दा मामा

चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न... 
लोरिया सुनाकर तुम, मुझे भी सुलाओ न...... 
हर तरफ है अफरा-तफरी, कैसे बताऊँ मैं.... 
कौन है मेरा अपना, किसको बनाऊं मैं..... 
राह भूल गया हूँ जरा, रास्ता बताओ न...... 
चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न...
खाने को न राशन घर में, लाचार हर गरीब है......
रो- रोकर कहता है, कैसा मेरा नसीब है....
मिलके मुझसे तू मेरी, समस्या सुलझाओ न......
चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न....
कलह कष्ट में फंसकर, रो रही है नारी.....
दुखड़ा किसे कहे, सोचती है वो बेचारी......
तड़प रही गरीबी से तुम और तड़पाओ न......
चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न...
माँ बनी है दासी अब, बहु बन चुकी है रानी....
हर घर की हो गई एक सी कहानी.......
कलयुगी रीत को, अब तुम्ही मिटाओ न........
चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न...
कहता है 'आर्यन' कैसा ये तेरा खेल है......
आदमी को आदमी से, अब न कोई मेल है......
बोल-बोलकर थक गया हूँ, थोड़ा समय निकालो न....
चन्दा मामा चन्दा मामा, मेरे घर भी आओ न...
लोरिया सुनाकर तुम, मुझे भी सुलाओ न......
प्रेषक - कुमार आर्यन


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