रिश्ते नातें मुहब्बतों का मैं तोड़ आया हूँ .....
मोहब्बत की गलियों को मैं छोड़ आया हूँ...
क्यों सिफारिश करूँ तुझसे, ये मुमकिन नही ऐ दिल...
कई ज़माने हुए वो राह-ए-वफ़ा मैं छोड़ आया हूँ.....
- कुमार आर्यन
मोहब्बत की गलियों को मैं छोड़ आया हूँ...
क्यों सिफारिश करूँ तुझसे, ये मुमकिन नही ऐ दिल...
कई ज़माने हुए वो राह-ए-वफ़ा मैं छोड़ आया हूँ.....
- कुमार आर्यन
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