एक ग़ज़ल आपके नाम

एक ग़ज़ल आपके नाम
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हूँ आइना, समझ सको तो समझ लेना मुझे...
होगा एहसान तेरा दुनिया मेरी बसाओगे....
है उजाड़ कब से मेरे दिल की जहाँ...
जाने कब आकर तुम मुझे मनाओगे.....
हो इजाज़त तो मैं सुनाऊँ हाल-ए-दिल....
वादा करो के फिर न तुम मुझे रुलाओगे....
अब न वो तबस्सुम और न तसल्ली है दिल में....
दखल न दोगे कभी, के फिर न मुझे भूलाओगे.....
चाहता हूँ तुझे ऐ यार खुदा की कसम.....
उम्मीद है , मेरे मजार पे दीया रोज जलाओगे....
हूँ आइना, समझ सको तो समझ लेना मुझे...
होगा एहसान तेरा दुनिया मेरी बसाओगे....
- कुमार आर्यन

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