हो इज़ाजत तो लिखूं नये साल की सौगातें......
याद रखना तू हमेशा भूली बिसरी यादें .....
हसीं हो हर शाम, मुसकुराए हर एक रातें...
पल-पल हो तुझे अपनों से मुलाकातें......
है कठिन रास्ता, राही चलना सोचकर....
पग-पग पर पत्थर मिलेंगे, सच हैं ये बातें....
सुख दुःख तो जीवन के साथी साथ देते हर घडी...
मिलकर जीना सिख लो, खिल जाएगी दिन और रातें....
हो इज़ाजत तो लिखूं नये साल की सौगातें......
याद रखना तू हमेशा भूली बिसरी यादें .....
प्रेषक - कुमार आर्यन
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