दिलवर का आना हुआ है

ग़ज़ल-ए-मोहब्बत 
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अभी-अभी शुरू गुनगुनाना हुआ है.....
बहुत दिनों के बाद मुस्कुराना हुआ है...
मत पूछो कितनी ख़ुशी मिली है हमे.....
पास दिल के आज दिलवर का आना हुआ है...
कैसे कहूँ उनसे दिल की बातें यारों....
मिल के उनसे दिल का घबराना हुआ है....
लब उनके खामोश, लब मेरे खामोश...
बात करने का फिर भी बहाना हुआ है...
सोचता हूँ, बोल दूँ, दिल की सारी बातें ...
पर दिल की बातो का दिल में छुपाना हुआ है...
कभी शौक से आते थे मुझसे मिलने वो पागल...
अब देखकर मुझे शरमाना हुआ है....
दिल में रहते है वो बनके मीत मेरा.....
उनसे आज मेरा बताना हुआ है.....
कैसे शुक्रिया करूँ मेरे मालिक आपका....
बड़े अरसे पर मुझसे उनका मिलाना हुआ है...
- कुमार आर्यन

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