कभी हम भी मुस्कुराते थे बहुत साहब
किसी ने बहुत मेहनत की है मुझे रुलाने के लिए
चमक मेरे चेहरे पर भी थे कभी मुहब्बत की
अब सिर्फ बचा है दिखाने के लिए
- कुमार आर्यन
किसी ने बहुत मेहनत की है मुझे रुलाने के लिए
चमक मेरे चेहरे पर भी थे कभी मुहब्बत की
अब सिर्फ बचा है दिखाने के लिए
- कुमार आर्यन
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