संभालो यारों

एक गजल आपके नाम
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मयकदे जाम लिए बैठा हूँ, संभालो यारों.....
सबको मिला है दर्द जहाँ में, न टालो यारों....
मयकदे जाम लिए.............
किसी को कम मिला है किसी ज्यादा....
किसी ने तोड़ा है अपना वादा.....
है उलफ्त, इस उल्फत से निकालो यारों.....
मयकदे जाम लिए................
रही न अब दुनिया किसी इंसानों की....
ये दुनिया हो चुकी बइमानों की.....
सच है के फसाना, बताओ यारों.....
मयकदे जाम लिए..................
अब दिखता नहीं 'आर्यन' मजारों पे रौशनी वैसा....
महकती थी कितनी खुश्बु पहले जैसा......
टुटते जा रहे हैं रिश्ते जरा निभालो यारों.....
मयकदे जाम लिए................
सबको मिला है................
- कुमार आर्यन 

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