अभी भी याद है


मुझे अपने इश्क का वो जमाना अभी भी याद है.....
चुपके से मुझे देखकर, तेरा मुस्कराना अभी भी याद है.....
माना की किसी काफिर की, दिल्लगी में तुम मशरुफ हो.....
फिर भी तुम मिले थे जहाँ, मुझे वो ठिकाना अभी भी याद है....
प्रेषक- कुमार आर्यन

Comments