ज़िन्दगी के इस रंगमंच पर किरदार अपना निभाता हूँ ।
जोकर के जैसी ज़िन्दगी मेरी, झूठी हंसी जताता हूँ।
जोकर के जैसी ज़िन्दगी मेरी, झूठी हंसी जताता हूँ।
कभी रो कर हाल सुनाता हूँ, फिर सबको मनाता हूँ....
कोई देखता नहीं ज़ख्म मेरा, मैं दर्द को ऐसे छुपता हूँ......
देख के इस अदा को मेरा लोग वाह-वाह कर जाते हैं.....
उनके शाबाशी से पहले, खुद में मैं मर जाता हूँ.......
कोई देखता नहीं ज़ख्म मेरा, मैं दर्द को ऐसे छुपता हूँ......
देख के इस अदा को मेरा लोग वाह-वाह कर जाते हैं.....
उनके शाबाशी से पहले, खुद में मैं मर जाता हूँ.......
कभी माता-पिता के सामने बेटे का फ़र्ज़ निभाता हूँ......
कभी भाई-बहन के सामने थोड़ा बड़ा बन जाता हूँ........
खाली हाथ लौटता हूँ घर, जब बच्चे सामने आते है......
शांत हो जाता हूँ, कभी टूटकर बिखर जाता हूँ......
कभी भाई-बहन के सामने थोड़ा बड़ा बन जाता हूँ........
खाली हाथ लौटता हूँ घर, जब बच्चे सामने आते है......
शांत हो जाता हूँ, कभी टूटकर बिखर जाता हूँ......
ज़िन्दगी के इस रंगमंच पर किरदार अपना निभाता हूँ ।
जोकर के जैसी ज़िन्दगी मेरी, झूठी हंसी जताता हूँ।
- कुमार आर्यन
जोकर के जैसी ज़िन्दगी मेरी, झूठी हंसी जताता हूँ।
- कुमार आर्यन
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