हकीकत क्या हैं बेवफाओं की

बंद कर अपनी चेहरे से फरेबी मुस्कुराहटें....
न जाने इसने कितने आशियाने को जला दिया...
कुछ तो तबाह कर गये अपनी ज़िन्दगी को....
जो बच गये उन्होंने मयखाने को अपना घर बना लिया....
तुम तो नफरत के लिए भी मुहब्बत का सहारा लेते हो.....
और कितनो ने तेरे मुहब्बत के लिए खुद को भुला दिया....
छोड़ दे बर्बाद करना मुहब्बत-ए-खंजर से कातिल....
हकीकत क्या हैं बेवफाओं की आज सबको बता दिया....
कुमार आर्यन

Comments