भोर भयो पनघट पर सखियन, पनिया लावन को जा रही....
कदम डाल पर बैठ कोयलिया, गीत प्रेम का गा रही...
भँवरे देखो बगिया मे फूलों पर मंडरा रही.....
जल्द उठो हे मोहन प्यारे, तुम्हें सुन्दर सुबह जगा रही....
प्रेषक - कुमार आर्यन
कदम डाल पर बैठ कोयलिया, गीत प्रेम का गा रही...
भँवरे देखो बगिया मे फूलों पर मंडरा रही.....
जल्द उठो हे मोहन प्यारे, तुम्हें सुन्दर सुबह जगा रही....
प्रेषक - कुमार आर्यन
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